पुलिस संरक्षण में राजधानी को लूट रहे परिवहन माफिया।
लखनऊ:- राजधानी लखनऊ के चप्पे-चप्पे पर उत्तर प्रदेश पुलिस और ट्रैफिक पुलिस वैसे तो कानूनी नियम का पालन कराने में सक्रिय है। परंतु जब बात अवैध वसूली या ब्लैक मनी की आ जाए तो ना राजधानी पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस ना आरटीओ को डीजल गाड़ियां दिखाई देती है। ना तो नो एंट्री में पहुंचते ओवरलोड वाहन और ना राजधानी में सड़कों पर लग रहे अवैध स्टैंड ना बिना परमिट की गाड़ियां। परिवहन माफियाओं के संरक्षण में राजधानी की सड़कों पर खुलेआम राजस्व की लूट चरम पर है। अगर प्रतिदिन की लूट पर नजर डालें तो बीकेटी से कैसरबाग तक लगभग 200 टैक्सी प्रतिदिन परमिट, बिना परमिट के दौड़ रही है। जिनसे प्रतिदिन अवैध स्टैंड मालिक ₹20 प्रति गाड़ी व सूत्र अनुसार पुलिस का ₹400 प्रतिमाह वसूला जाता है। इसी प्रकार मड़ियाव से पॉलिटेक्निक तक लगभग 500 टैक्सी से भी यही वसूली हो रही है। मड़ियाव से सिधौली सीतापुर के लिए लगभग सात से आठ सौ मैजिक जिनकी प्रतिदिन व मासिक उपरोक्त वसूली जारी है। इसी क्रम में भिठौली चौराहे से काकोरी स्टैंड तक लगभग 50 मैजिक जिन से प्रतिदिन व मासिक उपरोक्त वसूली जारी है। टेढ़ी पुलिया से कुर्सी रोड से महमूदाबाद तक चलने वाली मैजिकों की संख्या लगभग 100 वसूली उपरोक्त। यह सभी वसूली ट्रांस गोमती में सक्रिय एक ही परिवहन माफिया द्वारा संचालित सभी डग्गामार स्टैंडों से प्रतिमाह लाखों की वसूली के साथ सरकारी सिस्टम की मिलीभगत से राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। परिवहन माफिया द्वारा वर्चस्व बनाने के लिए टैक्सी के नाम से संस्था बनाकर संचालित कर टैक्सी चालकों को धोखे में लेकर महीनों कि लाखों की वसूली कर राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। इनके वर्चस्व का इतना महत्व है। कि यही सभी रोड के किराया सूची जारी कर मनमाने ढंग से जनता की जेब पर डाका डाल रहे हैं ।सब कुछ जानते हुए राजधानी पुलिस व ट्रैफिक पुलिस सहित आरटीओ बीन बने हुए हैं। डग्गामार वाहनों से राजधानी के राजस्व पर तो डाका पड़ रहा है। साथ ही आए दिन छुटपुट घटनाओं से सड़कों पर हादसे होते रहते हैं। साथ ही राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था भी दिन-प्रतिदिन चरमरा रही है। जिम्मेदारों की खामोशी इनके भ्रष्ट होने के सबूत के लिए काफी है। मामला यहीं खत्म नहीं होता पॉलिटेक्निक चौराहे से बाराबंकी, फैजाबाद के लिए डग्गामार वाहनों की लंबी कतारें के सामने मौजूद पुलिस बूथ के साथ ।यही हाल ठाकुरगंज थाना व काकोरी थाना अंतर्गत अवैध स्टैन्डों से दिनभर भीषण जाम से शहरवासियों को जूझना पड़ता है। परंतु सालों से चली आ रही अवैध वसूली लखनऊ पुलिस के भ्रष्टाचार की पोल तो खोलती ही है ।साथ ही प्रदेश के परिवहन माफियाओं की भी पोल खोलती है।